The seven habits of highly effective people in Hindi

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  • Author Name : Stephen R. Covey

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  • About Book : द • सेवन हैबिट्स ऑफ़ हाइली इफ़ेक्टिव पीपुल जब पहली बार प्रकाशित हुई थी, तब से अब तक दुनिया में बहुत व्यापक परिवर्तन हो चुके हैं। जीवन ज़्यादा जटिल, ज्यादा तनावपूर्ण और ज़्यादा माँग करने वाला बन गया है। हम औद्योगिक युग से निकलकर सूचना/ज्ञान आधारित युग में प्रवेश कर चुके हैं, जिसके गहन प्रभाव पड़े हैं। हम अपने व्यक्तिगत जीवन, परिवारों और संगठनों में ऐसी चुनौतियों व समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जिनकी एक या दो दशक पहले कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। ये चुनौतियाँ न सिर्फ़ ज़्यादा बड़ी हैं, बल्कि ये बिलकुल अलग क़िस्म की भी हैं। कम्प्यूटरीकृत वैश्विक बाज़ार-व्यवस्था और समाज में हो रहे ज़बर्दस्त परिवर्तनों ने एक बहुत महत्वपूर्ण सवाल उठाया है जो मुझसे अक्सर पूछा जाता है: "क्या अति प्रभावकारी लोगों की 7 आदतें आज भी प्रासंगिक हैं?" या फिर, "क्या वे आज से दस, बीस पचास या सौ साल बाद भी प्रासंगिक रहेंगी?" मेरा जवाब है: परिवर्तन जितना बड़ा होगा और हमारे सामने खड़ी चुनौतियाँ जितनी मुश्किल होंगी, ये आदतें उतनी ही ज़्यादा प्रासंगिक होंगी। कारण: हमारी समस्याएँ और दुख शाश्वत हैं तथा बढ़ते जा रहे हैं। इसके अलावा इन समस्याओं के समाधान आज भी और हमेशा उन शाश्वत तथा स्वतः स्पष्ट सिद्धांतों पर आधारित हैं और रहेंगे, जो इतिहास के हर स्थायी और समृद्ध होते समाज में पाये जाते हैं। मैंने इन सिद्धांतों को ईजाद नहीं किया है और में इसका श्रेय नहीं लेता हूँ। मैंने सिर्फ़ उन्हें पहचाना है और एक क्रमबद्ध रूप में व्यवस्थित किया है। मेरे जीवन की एक बहुत गहरी सीख यह है: अगर आप अपने सबसे बड़े लक्ष्यों तक पहुँचना चाहते हैं और अपनी सबसे बड़ी चुनौतियों को जीतना चाहते हैं, तो उस सिद्धांत या प्राकृतिक नियम को पहचानें और उस पर अमल करें, जो आपके चाहे गये परिणामों को नियंत्रित करता है। हमारे द्वारा सिद्धांत पर अमल करने का तरीक़ा एक-दूसरे से अलग होगा, जो हमारी शक्तियों, प्रतिभाओं और रचनात्मकता द्वारा निर्धारित होगा। परंतु अंततः किसी भी प्रयास में सफलता हमेशा उन सिद्धांतों के सामंजस्य में काम करने से मिलती है, जिनसे सफलता जुड़ी होती है। कई लोग इस तरह से नहीं सोचते हैं, कम से कम सचेतन रूप से तो नहीं। दरअसल आप यह पायेंगे कि सिद्धांत केंद्रित समाधान हमारी लोकप्रिय संस्कृति की सोच और आम व्यवहार के विपरीत होते हैं। मैं आपके सामने सबसे आम मानवीय चुनौतियों में इस विरोधाभास का चित्रण करना चाहूँगा।डर और असुरक्षा। आज बहुत से लोग डर के एहसास से जकड़े हुए हैं। वे भविष्य के बारे में डरे होते हैं। वे कार्यक्षेत्र में असुरक्षित महसूस करते हैं। उन्हें यह डर सताता है कि उनकी नौकरियाँ छूट जायेंगी। उन्हें अपने परिवार का भरण-पोषण करने की अपनी क्षमता पर विश्वास नहीं होता। इस असुरक्षा की वजह से वे प्रायः जोखिम लिये बिना मन मारकर ज़िंदगी गुज़ारते हैं और ऑफ़िस तथा घर में दूसरों के साथ सह-निर्भरता (co-dependency) के संबंध बनाते हैं। इस समस्या पर हमारी संस्कृति की आम प्रतिक्रिया यह होती है कि ज़्यादा से ज़्यादा आत्मनिर्भर बना जाये। "मैं अब 'मैं और मेरे' पर ध्यान केंद्रित करूँगा। मैं अपनी नौकरी करूँगा, अच्छी तरह से करूँगा और उसके बाद वास्तविक खुशियाँ हासिल करूँगा।" आत्मनिर्भरता एक महत्वपूर्ण, यहाँ तक कि अनिवार्य, जीवनमूल्य और उपलब्धि है। समस्या यह है कि हम एक परस्पर निर्भर वास्तविकता में रहते हैं और सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों के लिये हमें परस्पर निर्भरता की योग्यताओं की आवश्यकता होती है, जो हमारी वर्तमान योग्यताओं से परे होती हैं।
  • About Author : Stephen Richards Covey was an American educator, author, businessman, and keynote speaker. His most popular book is The 7 Habits of Highly Effective People. 
  • Translation : Dr. Sudhir dixit 
  • Book Format: PDF

    Book Size: 7.5kb

    Number of pages:290

     

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