Man ke chamatkar By DrJoseph Murphy

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  • Author Name : Dr. Joseph Murphy

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About Book - मन तो एक होता है, लेकिन इसके दो अलग-अलग पहलू या काम होते हैं। हर पहलू की पहचान इसके लक्षण से होती है, जो अपने आप में अनूठा होता है। दोनों में से प्रत्येक मन स्वतंत्र रूप से काम करने में सक्षम होता है और मिलकर काम करने में भी। एक मन को हम वस्तुपरक मन कहते हैं, क्योंकि यह बाहरी चीज़ों से सरोकार रखता है। दूसरे को हम व्यक्तिपरक मन कहते हैं। व्यक्तिपरक मन सहज अनुगामी होता है और वस्तुपरक या चेतन मन के सुझावों से नियंत्रित होता है। वस्तुपरक मन वस्तुपरक संसार की पूरी जानकारी लेता है।पाँच शारीरिक इंद्रियों वस्तुपरक मन के अवलोकन के साधन हैं। यह परिवेश के साथ हमारे संपर्क में हमारा मार्गदर्शक होता है। हम इन पाँच इंद्रियों से ज्ञान हासिल करते हैं। वस्तुपरक मन अवलोकन, अनुभव और शिक्षा से सीखता है। चेतन मन का सबसे बड़ा कार्य तर्क-वितर्क का होता है।लॉस एंजेलिस में चारों ओर देखें: पार्क, इमारतें, सुंदर भवन, फूलों के प्यारे बाग आदि देखकर आप इस नतीजे पर पहुंचते हैं कि यह एक सुंदर शहर है। यह आपके चेतन या वस्तुपरक मन का कार्य है।

वस्तुपरक शब्द का अर्थ है कि यह वस्तुओं से सरोकार रखता है। दूसरी ओर, व्यक्तिपरक मन पाँच शारीरिक इंद्रियों से स्वतंत्र साधनों द्वारा अपने परिवेश की जानकारी रखता है। व्यक्तिपरक मन या अवचेतन मन दोनों में से किसी भी शब्दावली का इस्तेमाल किया जा सकता है अंतर्ज्ञान से समझता है। अवचेतन मन आपकी भावनाओं का स्थान है। हम बिना किसी शक के जानते हैं कि यह अपने सबसे आवश्यक काम तब करता है, जब वस्तुपरक इंद्रियों सुषुप्तावस्था में या शिथिल हों।यह बुद्धि खुद को तब प्रकट करती है, जब चेतन मन सोया हो या उनींदी, ऊँधती अवस्था में हो। अवचेतन मन आँखों का इस्तेमाल किए बिना देखता है। इसमें अतींद्रिय दृष्टि और अतींद्रिय श्रवण क्षमता होती है। अवचेतन मन शरीर को छोड़ सकता है, दूर देशों की यात्रा कर सकता है और अक्सर बहुत सटीक तथा सच्चे किस्म की जानकारी लेकर लौट सकता है। अवचेतन मन के ज़रिये आप दूसरों के सूक्ष्म विचार पढ़ सकते हैं। यही नहीं, आप बंद लिफ़ाफ़ों और बंद तिजोरियों के विवरणों को भी जान सकते हैं।अवचेतन मन में संचार के सामान्य वस्तुपरक साधनों का उपयोग किए बिना दूसरों के विचार समझने की योग्यता होती है। इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि प्रार्थना की सब्जी कला सीखने के लिए हम चेतन और अवचेतन मन की अंतक्रिया को समझ लें।

चेतन और अवचेतन मन के वर्णन में कई शब्दावलियों का उपयोग किया जाता है। उन्हें कहा जाता है. चेतन या अवचेतन मन, जाग्रत या सुषुप्त मन, सतही या गहरा स्वरूप, स्वैच्छिक या स्वचालित मन, पुरुष और नारी मन या ऐसी ही कई अन्य शब्दावलियों। याद रखें, केवल एक ही मन होता है, जिसके दो पहलू या कार्य हैं।व्यक्तिपरक मन हमेशा सुझाव से प्रेरित होता है; इसे मुझाव से नियंत्रित किया जाता है। हमें यह पहचानना चाहिए कि अवचेतन मन सारे सुझावों को स्वीकार करता है, यह आपके साथ कोई तर्क नहीं करता है, लेकिन आपकी इच्छाएँ पूरी करता है। आपके साथ जो कुछ हुआ है, वह सब उन विचारों की वजह से हुआ है, जिनकी छाप आपने अपने विश्वास द्वारा अवचेतन मन पर छोड़ी है। अवचेतन मन आपके विश्वासों और नियों को बिना कुछ बोले स्वीकार करता है।

यह मिट्टी की तरह होता है। आप इसमें जो भी बीज डालेंगे, यह उसे स्वीकार कर लेगा, चाहे बीज अच्छा हो या बुरा। याद रखें: आप जिस भी चीज़ को सच मानते हैं और जिसमें विश्वास करते हैं,

Book Format: PDF

Book Size: 614kb

Number of pages: 38

Language: Hindi

Available for: Virtual book shelf & other plans only.

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