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About Book : क्या आप दूसरों के बुरे की कल्पना करते हैं? यदि आप ऐसा करते हैं, तो गौर करें कि आपके ज़्यादा गहरे स्वरूप में कौन सा भाव उत्पन्न होता है। यह नकारात्मक होता है; यह आपकी सेहत तथा दौलत के लिए विनाशकारी होता है। परिस्थितियाँ आपको सिर्फ़ उतना ही प्रभावित कर सकती हैं, जितनी आप उन्हें अनुमति देते हैं। आप स्वेच्छा से और निश्चित रूप से जीवन तथा सारी चीज़ों के बारे में अपना नज़रिया बदल सकते हैं। आप अपनी तक़दीर के मालिक और अपनी आत्मा (अवचेतन मन) के कप्तान बन सकते हैं। अनुशासित, निर्देशित और नियंत्रित कल्पना के ज़रिये आप अपनी भावनाओं के स्वामी बन सकते हैं तथा अपने मानसिक नज़रिये के भी।
मिसाल के तौर पर, यदि आप कल्पना करते हैं कि सामने वाला इंसान ओछा, बेईमान और ईर्ष्यालु है, तो गौर करें कि इससे आपके भीतर कौन सी भावना जाग्रत होती है। अब इस स्थिति को उलट दें। उसी व्यक्ति के ईमानदार, सच्चे, प्रेमपूर्ण और दयालु होने की कल्पना करें; गौर करें कि इसकी प्रतिक्रियास्वरूप आपके भीतर कौन सी भावना उत्पन्न होती है। इसलिए क्या आप अपने नज़रियों के स्वामी नहीं हैं? इसी पुस्तक से ।
About Author : Dr. Joseph Murphy
Book format : PDF
Download now : https://www.letsreadindia.co.in/swayam-mein-vishwas-by-dr.-joseph-murphy--1
Book Size: 717kb
Number of pages: 33
Language: Hindi
Available for: Virtual book shelf & other plans only.
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