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About Book :हम शासकों के लिए नहीं लिखते; लिखने का अभिप्राय है कि हमारे दिल की थडकन पाठकों के दिल की धड़कन बन जाए। वे हमारे विचारों ,हमारी वेदनाओ और हमारे आक्रोश को समझे।-: तिलक
हमारे राष्ट्रीय आंदोलन का इतिहास भी इसी दृष्टि से लिखा-लिखाया गया, देशी-विदेशी निहित स्वार्थों द्वारा सत्य के नाम पर असत्य को प्रचारित-प्रसारित किया गया और अब तक किया जा रहा है। यह पुस्तक असत्य का भंडाफोड़ करने तथा देश की संघर्षरत जनता को सत्य के हथियार से लैस करने के उद्देश्य से लिखी गई है ।
इतिहास विज्ञान है और विज्ञान सत्य है। सत्य शोषण, अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध संघर्ष का अचूक हथियार है। शासक और शोषक, जिनकी गिनती शासित और शोषित के मुकाबले हमेशा कम-बहुत कम रही है, अपने शासन और शोषण को बनाए रखने के लिए संगठित सैन्य-शक्ति के अलावा धोखाधड़ी, छल-कपट से काम लेते हैं और तरह-तरह के षड्यंत्र रचते हैं। ठगी उनका स्वभाव बन जाती है। वे इतिहास लिखने-लिखवाने में भी ठगी करते हैं। ताकि अधिक गिनती वाले शोषित जन को अंधेरे में रखा जाए तथा उनके संघर्ष के हथियार से वंचित कर दिया जाए ।
About Author : हंसराज रहबर 1913-1994
ISBN : 9788186265000
Book format: Paperback
Language: Hindi
Book Genre: Non fiction - Historical
Number of pages: 144
Publisher: Sakshi paperbacks
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