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About Book : यदि हम समय को लंबाई में नापें तो यह तीन श्रेणियों में विभाजित होता दिखाई पड़ता है भूत, वर्तमान व भविष्य। भूत की परिभाषा ऐसे दी आ सकती है कि बीता हुआ वह समय, जिसमें हम यह आकलन कर सकते हैं कि जीवन में किन विकल्पों के चुनाव ने हमारे वर्तमान को संवारा है –पश्च दृष्टि । भविष्य को ऐसे परिभाषित कर सकते हैं— आगे आनेवाले समय में मानसिक स्तर पर पहुँचकर यह चिंतन करना कि आज के समय में निर्णयों के कौन से चयन सकारात्मक नतीजे लाएँगे-दूरदर्शिता। वर्तमान वह समय, जो चल रहा है और वास्तविक अर्थों में 'सच्चा' कहा जा सकता है। वर्तमान हमारे लिए ढेरों खुशियाँ ला सकता है, यदि उस वर्तमान को हम अंतर्दृष्टि से जोड़कर देखें अंतर्दर्शन ऐसा गुण है, जो हमें अपने अंदर झाँकने को प्रेरित करता है कि कौन से सबक हमारे वर्तमान को सुखद बनाने के लिए प्रासंगिक हैं। भौतिक दृष्टि से हम घड़ी में समय देख सकते हैं, कालानुक्रमिक सूची (कैलेंडर) को आगे बढ़ा सकते हैं, (तारीख के अनुसार) अपने अनुभवों का प्रलेखन कर सकते हैं और समय का अवलोकन भी; किंतु आध्यात्मिक दृष्टि से समय की समझ भिन्न होती है। वह चक्राधार होती है। हम अपने मस्तिष्क में संपूर्ण जीवन का एक तरह से चलचित्र देख लेते हैं। हमारे सारे संबंध व अनुभव हमारे भीतर ही रहते हैं और सत्य से पोषित होते हैं। कभी-कभी ये अनुभव आपस में इतने उलझ जाते हैं कि कालक्रम अस्पष्ट हो जाता है। हम स्वप्न में कभी को बच्चा और अपने बच्चों को अपने साथियों के रूप में देखते हैं। कभी बहुत पुरानी घटना को वर्तमान स्थान व परिवेश में देखते हैं। यह पागलपन नहीं, बल्कि मस्तिष्क का सभी अनुभवों को अर्थ व विवेक-सम्मत करने का प्रयास है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जो समय है, वह है, जो चल रहा है। इनमें भूत, वर्तमान, भविष्य जैसा कुछ नहीं है, कोई भेद नहीं है। समय जैसा है, वैसा ही है। इससे स्पष्ट है कि किस प्रकार स्वप्न में दिखाई देनेवाली घटनाएँ एक-दूसरे में मिल जाती हैं और घटनाओं का कालक्रम टूट जाता है।
यह सभी कुछ सोचने व चिंतन के स्तर पर तो ठीक लगता है, किंतु जीवन की सच्चाई में जीने के लिए, मेले में, कदम से कदम मिलाकर तो चलना ही पड़ेगा। यही कारण है डॉ. नेपोलियन हिल समय का समझदारी व निपुणता युक्त उपयोग करने को कहते हैं। समय हमारे अस्तित्व का अर्क है और समय क्षेत्र से बाहर निकलते ही हमारी पहचान खत्म हो जाती है। यदि हम जिंदगी को शतरंज की विसात समझें तो समय हमारा प्रतिद्वंदवी है। अपनी बेहतरीन चाल चलिए और बाजी को अपनी तरफ मोड़ लीजिए। याद रहे, समय किसी के लिए नहीं रुकता। इस सच्चाई को ध्यान में रखते हुए अपनी अंतर्दृष्टि को जाग्रत करें और जीवन में सफलता एवं उपलब्धियों के लिए समय का बुद्धिमत्तापूर्वक प्रयोग करें।
About Author : Napolian Hill
Book Format: PDF
Book Size: 1.23Mb
Number of pages: 70
Language: Hindi
Available for: Virtual book shelf & other plans only.
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